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Showing posts from March, 2017

Sharada Devi Shakti Peeta Mahasamund Chhattisgarh

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Lakshman Temple In chhattisgarh ( Laxman,sirpur,mahasamund)

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राष्ट्रीय राजमार्ग 6 पर आरंग से 24 किमी. आगे बांयी ओर लगभग 16 किमी. पर सिरपुर स्थित है। प्राचीन काल में इसे श्रीपुर के नाम से जाना जाता था। 5 वी, से 8 वीं सदी के मध्य यह दक्षिण कोशल की राजधानी था। 7 वीं सदी में चीनी यात्री ह्वेनसांग यहां आया था। लगभग 1000 वर्ष पुराना पूर्णतः ईटों से निर्मित यहां का लक्ष्मण मन्दिर, गंधेश्वर महादेव मन्दिर तथा बौद्ध विहार पर्यटकों को विशेष रुप से आकर्षित करता है।

Champaran,Chhattisgarh (चम्पारण छत्तीसगढ़ )

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चम्पारण छत्तीसगढ़

बगदई काटी ( bagdai kati ) Village - Jhalkhamariya Mahasamund

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bagdai   kati बगदई  काटी

Ram Mandir,Village- Jhalkhamariya (Mahasamund)

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Ram Mandir,Village-  Jhalkhamariya (Mahasamund) ram ji laxman sita mata

Maa Khallari Mahasamund Bhimkhoj

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खल्लारी माता भीमखोज की  उची पहाड़ी वाली पहाड़ी  वाली खल्लारी माता  मुख्य द्वार  भगवान शनि देव  हनुमान जी  गणेश जी  हनुमान जी की प्रतिमा 

Sai Baba Temple Kharora Mahasamund साई बाबा मंदिर खरोरा

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sai baba kharora साई बाबा मंदिर खरोरा                   

Mahamaya Temple In Mahasamund

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mahamaya mata

GHOGHARA Block-Pithora Mahasamund ( Temple)

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Gaura Gauri Darshan

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MVPG COLLEGE MAHASAMUND (CHHATTISGARH)

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Navratri Mahasmund (Chhattisgarh),महासमुंद की नवरात्री की तश्वीर

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महासमुंद की नवरात्री  की  तश्वीर

Rajim Chhattisgarh

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राजिम एक प्राचीन नगरी  छत्तीसगढ़ का प्रयाग सुन्दर तस्वीर छत्तीसगढ़ का प्रयाग राजिम रायपुर से 47 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह महानदी के तट पर स्थित है। यहॉ पैरी और सोंढू नदियॉ महानदी में आकर मिलती हैं। माघ पूर्णिमा पर यहॉ प्रतिवर्ष मेला लगता है। जहॉ बड़ी संख्या में धर्मालु पवित्र महानदी में स्नान का पुण्य कमाते हैं। यहॉ भगवान राजीव लोचन का बेहद सुन्दर, प्राचीन मन्दिर है। इसके साथ ही मंदिरों के समूह भी हैं। जिनका विशेष धार्मिक महत्व है।]] राजीव लोचन मन्दिर   के अतिरिक्त यहॉ कुलेश्वर महादेव, राजेश्वर मंदिर, जगन्नाथ मन्दिर, पंचेश्वर महादेव मन्दिर, भूलेश्वर महादेव मन्दिर, नरसिंह मन्दिर, बद्रीनाथ मन्दिर, वामन वराह मन्दिर, राजिम तेलीन का मन्दिर, दानेश्वर मन्दिर, रामचन्द्र मन्दिर, सोमेश्वर महादेव मन्दिर, शीतला मन्दिर प्रमुख दर्शनीय हैं, जो अपनी वास्तुकला का परिचय देते है। प्राचीन कथानुसार राजिम का प्राचीन नाम कमल क्षेत्र या पद्मपुर था, जो इसका संबंध राजीव तेलीन, राजीव लोचन तथा जगपाल से जोड़ता है। कथानुसार राजीव तेलीन के पास काले पत्थर की मूर्ति थी। जगपाल ने राजीव तेलीन को सोन